Chatrapathi Movie Review In Hindi : हद पार एक्शन सिक्वेंस लगते है बोरिंग, कहानी मे नयेपन की कमी
Bellamkonda Sreenivas की एक्शन ड्रामा फिल्म 'छत्रपति' (Chatrapathi) सिनेमाघरों मे आज यानी की 12 मई को रिलीज़ हो चुकी है। यह एक पैन इंडिया फिल्म है जिसमे आपको श्रीनिवास के अलावा नुश्रत भरूचा भी अपोजिट रोल मे देखनेे मिलती है। अपने लिए तो हर कोई जीता है पर जो दूसरों के लिए जीता है वो है छत्रपति यह डायलॉग फिल्म के हीरो की लाइफ बया करता है। बता दे दमदार एक्शन सिक्वेंस से भरपूर इस फिल्म का निर्देशन वीवी विनायक ने किया है जबकि जयन्ती लाल गढ़ा फिल्म के प्रोड्यूसर है।
Chatrapathi Movie Story In Hindi
फिल्म की कहानी शिवा की है जो पाकिस्तान मे रहते हुए अपनी मां और सौतेले भाई से संप्रदायिक दंगो के चलते बिछड़ जाता है जिसके बाद शिवा की माँ और उसका सौतेला भाई अशोक पड़ोसियों के साथ भारत आ जाता है। 12 साल बाद शिवा अपनी माँ को खोजते हुए भारत पहुँचता है जहा उसे गैंगस्टर भैरव और भवानी के लिए काम करता है। लेकिन अपनी माँ के लिए शिवा की खोज शुरू मे व्यर्थ है लेकिन उसकी मुलाकात सपना से होती है और दोनों एक दूसरे से प्यार करने लगते है। जैसे जैसे शिवा अपनी माँ की खोज पूरी करने के नजदीक पहुँचता है तभी उसका सौतेला भाई उसके बीच दीवार बनकर खड़ा हो जाता है अब शिवा इस दीवार को तोड़कर अपनी माँ से कैसे मिल पायेगा यह आपको फिल्म मे देखना होगा।
Chatrapathi Movie Review
छत्रपति 2005 मे इसी नाम से रिलीज़ हुई राजामौली की फिल्म का रीमेक है। जिसे मैने एक दो बार देखा भी है इसीलिए मुझे कहानी मे कुछ नयापन नही लगता। फिल्म मे एक्शन सिक्वेंस हद से ज्यादा है जो बीच मे काफी बोरिंग लगते है। फिल्म मे एक माँ है जो अपने बेटों की लड़ाई मे फसी है एक बेटा अपनी माँ के लिए कुछ भी कर सकता है तो दूसरा उसे अपनी माँ से मिलने से रोकता है। फिल्म मे एक रोमांटिक लव स्टोरी भी है जो आपका मनोरंजन कर सकती है। फिल्म का फर्स्ट हाफ काफी बेहतर है इसके सेकंड हाफ से बाकी फिल्म का क्लाइमेक्स बेहद उम्दा है ट्विस्ट और टर्न के साथ यह फिल्म आपको बांधकर रखेगी। Bellamkonda Sreenivas शिवा के किरदार मे अच्छे लगते है उनकी एक्टिंग भी बेहतर लगती है। किरदार को और अच्छा बनाया जा सकता था अगर फिल्म की स्टोरी मे थोड़ी बहुत बदलाव किये जाते तो। नुश्रत भरूचा भी शिवा की प्रेमिका के किरदार मे खूब जमी उनका काम सराहनीय है। शरद केलकर ने एक दमदार गैंगस्टर के रूप मे छाप छोड़ने का काम किया है उनका किरदार खूंखार है। कुल मिलाकर कहे तो यह एक एवरेज फिल्म है लेकिन मनोरंजन के लिए इसे देखने मे कोई नुकसान नही होगा।