Hostel Daze Season 4 : कॉलेज के शुरुआती सालों मे हम बच्चे होते है। इन दिनों न हमे पढाई की चिंता होती है और न ही भविष्य की। ये समय हम हंसी मजाक दोस्ती यारी मे निकाल देते है लेकिन जैसे-जैसे कॉलेज खत्म होने का समय नजदीक आता है वैसे वैसे परेशानियाँ बढ़ने लगती है। भविष्य की चिंता के साथ-साथ ब्रेकअप, दोस्तों से बिछड़ने का डर और पियर प्रेशर जैसी समस्याओं से गुजरते हुए हम कॉलेज का आखिरी साल काटते है। 'हॉस्टल डेज्' का चौथा सीजन कॉलेज के आखिरी साल मे स्ट्रगल कर रहे स्टूडेंट्स की कहानी दिखाता है। सीरीज मे आपको वही पुरानी स्टारकास्ट देखने मिलेगी जिन्हे हम पिछले सीजन मे देख चुके है आयुषी गुप्ता, अहसास चन्ना, उत्सव सरकार, निखिल विजय, शुभम गौड़, लव विपुत्से आदि।
ऐसी है 'हॉस्टल डेज' के चौथे सीजन की कहानी
चौथे सीजन मे चिराग, आकांक्षा, रूपेश, जतिन किशोर, अंकित और नबोमिता कॉलेज के आखिरी साल मे आ चुके है। इन सभी ने इंजीनियरिंग के 3 साल तो मस्ती-मजाक दोस्ती-यारी मे निकाले लेकिन चौथे साल उन्हे सीरियस होना पड़ता है। आकांक्षा को लगता है की आखिरी साल है तो दोस्तों के साथ पूरे बैच को नौकरी दिलवानी चाहिए। क्योंकि आकांक्षा प्लेसमेंट कॉर्डिनेटर भी है। आकांक्षा अपने दोस्तों को प्लेसमेंट लेने के लिए समझाती है और सीरियस रहने की सलाह देती है। लेकिन दूसरी तरफ उसके दोस्तों का कहना है की यार यह लास्ट ईयर है और हमे लाइफ एंजॉय करनी है वैसे भी कॉलेज से निकलने के बाद यही नौकरी और परिवार की जिम्मेदारिया उठानी ही है। जैसे तैसे लड़ झगड़कर सभी दोस्त आकांक्षा की बात मान जाते है और भविष्य को सीरियस लेने लगते है। लेकिन कहानी मे ट्विस्ट तब आता है जब बैच के सभी बच्चो को नौकरी मिल रही होती है पर जतिन और उसके दोस्तों को प्लेसमेंट मे बैठने ही नही मिलता क्योंकि मार्कशीट मे उनके नंबर कम है। अब कहानी मे आगे क्या क्या होने वाला है यह आपको सीरीज मे देखना होगा।
कैसी है एक्टिंग
इस सीजन मे भी वही स्टारकास्ट है जो पहले भी सबका दिल जीत चुकी है। फिर भी आकांक्षा के रोल मे अहसास चन्ना ने दिल को छूने वाला काम किया है। अपने दोस्तों के लिए उनकी चिंता देखकर आपको अपने उस दोस्त की याद आ जायेगी जो आपकी चिंता करता है। वही चिराग के रोल मे लव विपुत्से भी खूब जमे उन्होंने इस सीजन मे अच्छी मेहनत की है। शुभम गौड़, उत्सव सरकार, निखिल विजय और आयुषी गुप्ता भी अपने किरदार को स्क्रीन पर जीवंत करते है। इन सभी को देखकर आपको अपने कॉलेज के साथियों की याद जरूर आयेगी।
कैसा हैं फाइनल सीजन
फाइनल सीजन की कहानी अच्छी है जिसे अच्छा बनाने का श्रेय उनको देना होगा जिन्होंने इस कहानी को लिखा है। कहानी मे हर उस बात को समझदारी के साथ पिरोया गया है जो आखिरी साल मे हर स्टूडेंट को झेलना पड़ता है। अभिनव आनंद का निर्देशन भी लाजवाब है उन्होंने इस कहानी को स्क्रीन पर खूबसूरती से पेश किया है। हॉस्टल डेज् कॉमेडी के साथ साथ आपको एक ऐसी इमोशनल जर्नी पर ले जायेगी। जिसे शायद आप अपनी जिंदगी मे भी एक्सपीरियंस कर चुके है। जो लोग हॉस्टल मे रहकर गोल्डन टाइम बिता चुके है उनके लिए यह सीरीज पुरानी यादें ताजा करने का जरिया है। आप इस सीरीज को हॉस्टल और कॉलेज मे साथ रहने वाले दोस्तों को याद करने के लिए भी देख सकते है।