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Heeramandi Web Series Review In Hindi : दिल छू लेगी हीरामंडी की कहानी, लेकिन एक जगह रह गई कमी।

Heeramandi Review: संजय लीला भंसाली की मोस्ट अवेटेड वेबसीरिज ’हीरामंडी : द डायमंड बाजार’ (Heeramandi The Diamond Bazar) ओटीटी पर रिलीज हो चुकी है। यह संजय लीला भंसाली की पहली वेबसीरिज है और इसमें उन्होने एक से बढ़कर एक कलाकारों को कास्ट किया है। जिसमें सोनाक्षी सिन्हा , मनीषा कोइराला, अदिति राव, फरदीन खान, संजीदा शेख, अनुज शर्मा, शरमीन शेगल, रिचा चढ्ढा, और शेखर सुमन जैसे कई नाम शामिल है। संजय लीला भंसाली अपनी बड़े सेट वाली ब्लॉकबस्टर फ़िल्मों के लिए जाने जाते है उन्होने देवदास, बाजीराव मस्तानी और रामलीला जैसी अनेक फिल्में दी है अब वह ’हीरामंडी’ से ओटीटी पर कदम रख चुके है। हीरामंडी 1920 के दशक में सेट सच्ची घटनाओं से प्रेरित कहानी है जो उस समय के लाहौर में बसे रेड लाइट एरिया हीरमंडी में रहने वाली तवायफों के एक समूह के बारे में बताती है। अगर आप इस सीरीज को देखने का मन बना रहे है तो उससे पहले यह रिव्यू जरूर पढ़े।

Heeramandi Web Series Review In Hindi

क्या है हीरामंडी की कहानी (Heeramandi Webseries Story In Hindi)

कहानी रेहाना और मल्लिका नाम की दो बहनों से शुरू होती है जो हीरामंडी की तावायफे है। बड़ी बहन रेहाना महल की कर्ता धर्ता है जो अपनी छोटी बहन मल्लिका से उसकी औलाद छीन लेती है और बदले में मल्लिका अपनी बड़ी बहन से उसकी जिंदगी और महल की गद्दी छीन लेती है। कहानी के साथ साथ दोनों की विरासते आगे बढ़ती है और पहुंचती है अगली पीढ़ी तक जहा कहानी में फरदीन खान और आलम बेग की एंट्री होती है। यहां से असली खेल शुरू होता है और चारों तरफ बगावत और साजिश की महक आने लगती है। इसके बाद नवाबों की बेवफाई, अंग्रेजो की बदसलूकी और गद्दी के लिए कुछ भी कर जाने की नौबत आपको क्लाइमेक्स तक बांधकर रखेगी। 8 एपिसोड वाली यह सीरिज लाहौर के शाही महल के पीछे बसे उस मोहल्ले की कहानी दिखाती है जहा मुगल शासकों के मनोरंजन में उज़्बेकिस्तान और अफगानिस्तान की महिलाओं को लाया जाता था। 


कैसी है कलाकारों की परफॉर्मेंस 

हीरामंडी में काफी परते है जिसमे एक प्यार करने वाली तवायफ कभी कभी निर्दय भी हो जाती है मल्लिका जान (मनीषा कोइराला) जो की सत्ता के लिए कुछ भी कर सकती है निडर होते हुए भी वह अपने प्रतिद्वंदी की बेटी से दर जाती है। मनीषा कोइराला ने मल्लिका जान के किरदार को काफी सिद्धत से निभाया है उन्होंने अपने किरदार को स्क्रीन पर जीवंत करने में कोई कसर नही छोड़ी। साथ ही सोनाक्षी सिन्हा ने फरीदन के किरदार में खूब रंग जमाया है वह अपने किरदार में जान फुकने का काम करती है उनकी डायलॉग डिलेवरी और स्क्रीन प्रेजेंस तारीफ के लायक है। हीरामंडी से फरदीन खान ने दमदार वापसी की है उन्होने एक बार फिर अपनी एक्टिंग से सबका दिल जीत लिया उनकी जितनी भी सराहना की जाए सब कम है। बिब्बो जान का किरदार अदिति राव ने निभाया है जो मल्लिका की बेटियों में से एक है। वह स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेती है और अंग्रेजो के साथ साथ पूरी व्यवस्था से आजादी चाहती थी। इनके अलावा रिचा चड्डा भी लज्जो जान के रोल में खूब पसंद आती है। अन्य कलाकारों ने भी उम्दा काम किया है।



कैसी है संजय लीला भंसाली की सीरिज (Heeramandi Webseries Review)

सीरिज में आजादी से पहले और बाद की कहानियों का निचोड़ मिलता है। यह सीरिज आपको तवायफों की एक ऐसी जादुई दुनिया की सैर कराएगी जिसे आपने आज से पहले कही नही देखा होगा। साथ ही सीरीज देखते वक्त आपको तवायफों के उस दर्द का भी अहसास होगा जिससे लोग आज भी अंजान है। तवायफों ने हमारी आजादी में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी जिसके बारे में ज्यादातर लोग नही जानते कुलमिलाकर कहानी आपका दिल छू लेगी।

संजय लीला भंसाली इस तरह की कहानियों को पर्दे पर सजाने का हुनर खूब जानते है उन्होंने पहले भी कई फ़िल्मों के अंदर अपना जादू दिखाया है और वे इस सीरीज में भी अपना जादू दिखाने में बिलकुल पीछे नही रहे उन्होंने सेट से लेकर छोटी छोटी चीजों पर बारीकी से ध्यान दिया है फिर चाहें वह कलाकारों का लुक हो या फिर आर्ट डिजाइन हर तरह से उन्होंने कहानी को जिंदा करने की कोशिश की है खासकर सीरीज के डायलॉग काफी सटीक है जिन्हे गहराई से लिखा और पेश किया गया है हर डायलॉग में एक अलग ही एनर्जी होती है। साथ में सीरीज का निर्देशन लाजवाब है सभी कलाकारों ने निर्देशक के इशारों पर काम किया है। सीरिज का म्यूजिक अच्छा है लेकिन स्टोरी टेलिंग कही कही काफी कमजोर लगती है मुझे लगता है की स्टोरी टेलिंग पर और काम किया जाना चाहिए था।

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