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Abhay Season 3 Web Series Review In Hindi - सनकी सीरियल किलर की खोज मे निकले कुणाल खेमू |

Abhay Season 3 Web Series Review In Hindi 


Abhay Season 3 Review : अगर आप भी मेरी तरह क्राइम सीरीज के दिवाने है और लंबे समय से इस जॉनर की जबरदस्त वेबसीरीज का इंतज़ार कर रहे है तो आपका इंतज़ार आज पूरी तरह से खत्म हुआ क्योंकि कुणाल खेमू की धमाकेदार क्राइम थ्रिलर वेबसीरीज अभय का सीजन 3 दर्शकों का मनोरंजन करने के लिए रिलीज़ कर दिया गया है सीरीज का पहला सीजन साल 2019 मे आया था जो पूरी तरह से हिट रहा फिर इसका दूसरा सीजन 2020 मे आया जिसने दर्शकों की उम्मीदें तीसरे सीजन के प्रति और ज्यादा बढ़ा दी थी और अब इसका तीसरा सीजन भी आ चुका है जिसे कह सकते है की ये सीजन लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरा है सीरीज मे कुणाल खेमू पहले की तरह ही एसीपी अभय प्रताप सिंह के अवतार मे है और उत्तर प्रदेश के अंदर क्राइम का खात्मा करने की भरपूर कोशिश कर रहे है कुणाल खेमू के अलावा इस सीजन मे दिव्या अग्रवाल, विजय राज, तनुज वीरवानी और राहुल देव जैसे दमदार कलाकार अहम किरदारों मे नजर आ रहे है सीरीज का निर्देशन केन घोष ने किया है जिसे आप तेलुगु तमिल और हिंदी भाषा मे ज़ी 5 पर देख सकते है |


Abhay Season 3 Review in hindi

Abhay 3 Story In Hindi (क्या है अभय 3 की कहानी) 


शहर मे एक लड़की की लाश मिलने के बाद दूसरे व्यक्ति की लाश मिलती है जिसके बाद जाबांज पुलिस अधिकारी एसीपी अभय प्रताप सिंह को इस पूरे मामले की जांच पड़ताल करने के लिए बुलाया जाता है इन दोनों हत्याओं को देखते हुए लोगों का मानना है की ये किसी जंगली जानवर का काम है लेकिन जब एसीपी अभय इस केस की बारीकी से इंवेस्टीगेशन करते है तो उन्हे दोनों ही मर्डर स्पॉट पर किलर द्वारा छोड़ा गया आठ या इन्फिनिटी का निशान मिलता है जो अपने आप मे एक रहस्य है जाँच आगे बढ़ती है तो पता चलता है की ये किसी मानसिक रूप से पीड़ित आदमी का काम है जो आगे और हत्याओं को अंजाम दे सकता है अब ये आदमी कौन है और मर्डर स्पॉट पर इन्फिनिटी का निशान बनाकर क्या बताना चाहता है ये आपको सीरीज मे पता लगेगा |


Abhay 3 Review In Hindi (कैसी है कुणाल खेमू की अभय 3) 


सीरीज की कहानी पिछले दोनों सीजनो से कई ज्यादा थ्रिलर है कुणाल खेमू का एक इंटेलिजेंट एसीपी के रूप मे उलझे हुए केस को चालाकी के साथ सॉल्व करने का तरीका आपको बहुत ज्यादा पसंद आने वाला है | जिसे देखते हुए कहा जा सकता है की एक बार फिर कुणाल खेमू ने अपनी एक्टिंग के जरिये जी5 पर झंडे गाड़ दिये उनके सोचने, बोलने और केस सॉल्व करने के तरीको से लेकर चेहरे के एक्सप्रेसन तक एसीपी अभय के किरदार को एकदम रियल बनाते है | दूसरी तरफ विजयराज अपने नेगेटिव किरदार मे कमाल का काम पेश करते है और भूत प्रेत वाला एंगल कहानी को ऐसे मोड़ पर लाकर छोड़ देता है जहाँ से सीरीज को देखने का मज़ा डबल हो जाता है | सीरीज में राहुल देव एक शार्पशूटर निडर फाइटर के रूप मे होते है जो अभय के लिए खतरे की घंटी बनते है | इसमे तनुज विरवानी और दिव्या अग्रवाल को भी नई कास्ट के रूप मे जोड़ा गया है जो सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर की भूमिका मे होते है और इनका एक काफी दिलचस्प डार्क साइड है जो आपको सरप्राइज जरूर करेगा | इस सीजन मे डायरेक्टर केन घोष का डायरेक्शन तारीफ लायक है जिन्होंने एक अच्छी कास्ट की खूबियों और कमियों को देखते हुए उन्हे अपने अपने किरदार के लिए तैयार किया | सीरीज का बैकग्राउंड म्युज़िक काफी बकवास है जो थ्रिलर के लहजे से बिल्कुल भी इंप्रेस नही करता फिर भी अगर आप एक अच्छी क्राइम थ्रिलर देखना चाहते है तो अभय 3 देख सकते है आखिर मे पैसा वसूल वाली फीलिंग आना तय है |


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