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Dobaaraa Movie Review : हर तूफ़ान के बाद एक नई मुसीबत सस्पेंस से भरी है तापसी की फिल्म दोबारा

Dobaaraa Movie Review In Hindi : हर तूफ़ान के बाद एक नई मुसीबत सस्पेंस से भरी है तापसी की फिल्म दोबारा कहानी कंफ्यूज करके छोड़ेगी आपको। 

Dobaaraa Movie Review In Hindi

Dobaaraa Movie : तापसी पन्नू बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री का वो नाम है जो एक के बाद एक जबरदस्त फिल्मों के लिए जाना जाता है तापसी एक कमाल की एक्ट्रेस है जो अपनी एक्टिंग से हर बार लोगों के दिलों पर राज करती है। तापसी पहले भी 'गेम ओवर', 'हसीन दिलरुबा', लूप लपेटा और बदला जैसी मिस्ट्री थ्रिलर फिल्मों से लोगों का दिल जीत चुकी है और आज इस लिस्ट मे एक नाम और जुड़ चुका है और वो नाम है 'दोबारा' जी हाँ दोस्तों 'दोबारा' तापसी पन्नू की मुख्य भूमिका वाली सस्पेंस थ्रिलर फिल्म है जो आज सिनेमाघरों मे रिलीज़ हो चुकी है। बता दे की इस मर्डर मिस्ट्री से भरी फिल्म का निर्देशन अनुराग कश्यप ने किया है जबकि एकता आर कपूर फिल्म की प्रोड्यूसर है। इस फिल्म मे आपको तापसी पन्नू के अलावा सुनील खेतरपाल और पावेल गुलाटी जैसे दमदार कलाकार भी अहम किरदारों मे देखने मिलेंगे। 


Dobaaraa Movie Story 


फिल्म दोबारा की कहानी तापसी पन्नू के किरदार के इर्द गिर्द घूमती है जिसमे दिखाया गया है की एक औरत (Tapsee Pannu) अपने पति और बेटी के साथ नये घर मे शिफ्ट होती है। जहा उन्हे पता चलता है की 26 साल पहले उनके सामने वाले घर मे एक 12 साल के छोटे बच्चे का मर्डर हुआ था और सबसे दिलचस्प बात यह थी की घटना तूफानी बारिश के दौरान हुई। कहानी मे आगे दिखाया गया है की तापसी उस बच्चे से 26 साल बाद भी एक पुराने टेलीविजन सेट के जरिये बात कर पाती है और वर्तमान मे ऐसे ही एक तूफान के दौरान तापसी को 26 साल पीछे यानी की पास्ट मे जाकर उस बच्चे की जान बचाने का मौका मिलता है। अब तापसी उस बच्चे को पास्ट मे जाकर कैसे बचायेगी और एक साधारण टेलीविजन के जरिये तापसी और उस बच्चे के बीच कनेक्शन कैसे बनता है इन सवालों के जवाब आपको फिल्म मे ढूढने होंगे। 


Dobaaraa Movie Review 


दोबारा एक साई-फाई मिस्ट्री थ्रिलर फिल्म है जिसकी कहानी पास्ट और प्रेजेंट मे जम्प करती है। लेखक ने कहानी लाजवाब तरीके से लिखी है जिसमे ये 26 साल पीछे जाकर किसी की जान बचाने वाला कांसेप्ट कुछ नया एक्सपीरियन्स देता है। फिल्म मे उच्च दर्जे के वीएफएक्स का उपयोग किया गया है जो कहानी के पास्ट और प्रेजेंट वाले दृश्यों को रियल टच देने की कोशिश करते है। डायरेक्शन की बात करे तो अनुराग कश्यप (Anurag Kashyap) इस फिल्म से एक कमाल के जादूगर साबित हुए जो काल्पनिक कहानी मे भी जान फूकने की क्षमता रखते है। दोबारा को देखने के बाद जब हम रात मे सोने जाते है तो डर लगता है की कही हम भी टाइम ट्रैवल के चक्कर मे फसकर 26 साल पीछे न पहुँच जाए। बाकी तापसी पन्नू एक कमाल की एक्ट्रेस है जो किसी भी किरदार मे घुसना अच्छी तरह से जानती है तो इस फिल्म के किरदार मे घुसने मे भी उन्होंने कोई कसर नही छोड़ी है। इस फिल्म मे उनकी एक्टिंग का लेवल देखकर बस उनकी तारीफ करने का दिल करता है। इनके अलावा फिल्म मे पावेल गुलाटी और अन्य कलाकारों ने भी अपने किरदारों की पेशकश को बड़े पर्दे पर सवारने मे कोई कसर नही रखी उनकी मेहनत पूरी फिल्म मे साफ साफ नजर आती है। फिल्म मे कुछ कमजोर कड़ियाँ भी है वो है इसका बैकग्राउंड म्युज़िक और पहले हॉफ की धीमी गति अगर आप इन दोनों चीजों को इग्नोर करके देखेंगे तो कुर्सी छोड़ने का मन जरा भी नही होगा। खतरनाक मर्डर मिस्ट्री और भरपूर सस्पेंस के साथ यह एक फुल एंटरटेनर मूवी है जिसे आप अपनी फैमिली के साथ भी देख सकते है। 



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