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'Chup' Movie Review In Hindi : क्रिटिक्स को मौत की नींद सुलाने आया सीरियल किलर, सस्पेंस और थ्रिल से भरी है चुप

Chup Movie Review In Hindi : क्रिटिक्स को मौत की नींद सुलाने आया सीरियल किलर, सस्पेंस और थ्रिल से भरी है आर बाल्कि की 'चुप'


Chup Movie Review In Hindi


Chup Movie : बॉलीवुड अभिनेता सनी देओल और दुलकर सलमान स्टारर् फिल्म चुप आज सिनेमाघरों मे रिलीज़ हो चुकी है। दोस्तों अगर आप फिल्में देखते है तो आपको पता ही होगा की इन दिनों भारत मे बॉलीवुड इंडस्ट्री की फिल्मों को बहुत बुरी तरह से धोया जा रहा है। बॉयकॉट के चक्कर मे ये सभी फिल्में फ्लॉप जा रही है। लेकिन आपको पता होगा की फिल्म फ्लॉप होने के पीछे एक नही बल्कि बहुत सारे कारण होते है जिनमे से एक कारण फिल्म क्रिटिक्स भी है जी हा दोस्तों कही न कही किसी भी फिल्म को फ्लॉप या हिट कराना क्रिटिक्स के हाथों मे होता है। लेकिन चुप मे कोई है जो स्टार देने वाले क्रिटिक्स को भी स्टार देता है। जी हां दोस्तों 'चुप' एक साइकोथ्रिलर फिल्म है जिसमे एक ऐसे साइको की कहानी दिखाई गई है जो किसी फिल्म की गलत समीक्षा करने पर क्रिटिक्स को मार डालता है। इस फिल्म का निर्देशन मशहूर निर्देशक आर बाल्कि ने किया है। जबकि इस फिल्म मे आपको सनी देओल, दुलकर सलमान के अलावा पूजा भट्ट, श्रेया धन्वंतरी और राजीव रविंद्रनाथन भी अहम किरदारों मे नजर आयेंगे। 


Chup Movie Story In Hindi


फिल्म की कहानी डेनी नाम के एक आदमी की है जो मुंबई के बांद्रा मे फूल बेचता है और उसे फिल्में देखना बहुत पसंद होता है। लेकिन दूसरी तरफ डेनि एक सीरियल किलर भी है जो फिल्मों से इस तरह प्यार करता है की अगर उसे किसी फिल्म क्रिटिक्स की समीक्षा पसंद नही आती तो वो उसे जान से मार देता है शहर मे एक के बाद एक फिल्म क्रिटिक्स की हत्या हो रही है जिस कारण पूरे शहर मे दहसत फैल चुकी है और क्रिटिक्स किसी भी फिल्म का रिव्यू करने से काफी डरे हुए है। इस मर्डर मिस्ट्री केस को सुलझाने का काम इंस्पेक्टर अरविंद (सनी देओल) को सौपा जाता है जो कातिल को ढूढने मे दिन रात एक कर देते है अब इंस्पेक्टर माथुर इस सीरियल किलर को कैसे ढूँडेंगे यह देखना आपके लिए काफी दिलचस्प होगा। 


'Chup' Movie Review 


दोस्तो वैसे तो सीरियल किलर पर बहुत सारी फिल्में बन चुकी है लेकिन फिल्म क्रिटिक्स को मारने वाले सीरियल किलर पर बनी यह पहली फिल्म है जिसकी कहानी अनोखी और दिलचस्प है। फिल्म की पटकथा रचनात्मक है जिसे देखकर बहुत कुछ नया मेहसूस होता है। जिस तरह से दो कहानीया एक दूसरे के समांतर चलती है वो देखने लायक है। फिल्म के डायलॉग काफी मजाकिया तरीके से लिखे गए है और आर बाल्कि का निर्देशन शार्प लगता है जो आपको किसी भी प्रकार की कमी महसूस नही होने देगा। फिल्म की सबसे कमजोर कड़ी इसकी गति है फिर भी कांसेप्ट के साथ साथ फिल्म मे जबरदस्त सस्पेंस और थ्रिल होने के कारण आप बिल्कुल भी बोर नही होते। सनी देओल को पुलिस ऑफिसर वाले किरदार मे देखना फैंस की चाहत होती है क्योंकि उन पर इस प्रकार के किरदार काफी शूट करते है तो सनी देओल ने फिल्म मे इंस्पेक्टर अरविंद माथुर के किरदार मे लोगों को एक बार फिर खुश कर दिया है दुलकर सलमान भी एक किलर के किरदार मे काफी जम रहे है इनके अलावा पूजा भट्ट श्रेया धन्वंतरि का काम भी अच्छा रहा। 



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