Header Ad

Drishyam 2 Review : सात साल बाद खुला 2 अक्टूबर का राज, सस्पेन्स और थ्रिल से भरपूर है दृष्यम 2

Drishyam 2 Review : 'सच पेड़ के बीज की तरह होता हैं, जितना चाहे दफना लो एक दिन बाहर आ ही जाता है' यह जबरदस्त डायलॉग 'दृष्यम 2' का है जो आज सिनेमाघरों मे रिलीज़ हो चुकी है। 


Drishyam 2 Movie Review in Hindi


कुछ फिल्में ऐसी होती है जो अपनी स्टोरी के जरिये मन मे बहुत सारे सवाल छोड़ जाती है और उन सभी सवालों का जवाब जानने के लिए हम उसके दूसरे पार्ट का बेशब्री से इंतज़ार करने लगते है तो दोस्तों 'दृष्यम 2' भी एक ऐसी ही फिल्म है जो उन सभी सवालों के जवाब लेकर सामने आ चुकी है जो पहले पार्ट मे छूट गए थे जी हाँ दोस्तों 'दृष्यम 2' अजय देवगन की मोस्ट अवेटेड फिल्म है जिसका फैंस बेसब्री से इंतजार कर थे। यह एक क्राइम मिस्ट्री थ्रिलर फिल्म है जिसमे अजय देवगन के अलावा श्रेया शरण, अक्षय खन्ना, तब्बू और रजत कपूर मुख्य भूमिका निभा रहे है। 


Drishyam 2 Story (दृष्यम 2 की कहानी)


भले ही यह याद न हो की 2 अक्टूबर को गांधी जयंती मनाई जाती है लेकिन यह जरूर याद होगा की 2 अक्टूबर के दिन विजय सालगांवकर की फैमिली ने कौन सा कांड किया था। पहले पार्ट मे हमने देखा था की विजय ने आईजी मीरा के बेटे की लाश को पुलिस स्टेशन के नीचे दफन कर दिया था। जिस रात विजय समीर की लाश को दफना रहा था उसे ऐसा करते एक शक्स ने देखा था। दरअसल यह शक्स भी एक अपराधि था जो खुद एक हत्या का आरोपी है और पुलिस से भाग रहा है। हालांकि अब यह अपराधि पकड़ा जा चुका है और जेल मे अपनी सजा काट रहा है। दूसरे पार्ट की कहानी मे 7 साल का गेप दिया गया है यानि की केस को 7 साल बाद नये आईजी ऑफिसर की मौजूदगी मे फिर से रिओपन किया गया है। 7 साल बाद वो शक्स भी रिहा हो चुका जिसने विजय को स्टेशन से बाहर निकलते हुए देखा था और वो रिहा होने के बाद पुलिस को विजय की सच्चाई बता देता है। अब पुलिस एक बार फिर समीर की लाश को ढूढने मे जुट जाती है और इंवेस्टिगेशन के दौरान उसकी फैमिली को परेशान किया जा रहा है बेटी अंजू के बिगड़ते हुए हालात को देखते हुए विजय पुलिस के सामने अपना जुर्म कबूल कर लेता है लेकिन बदले मे विजय उसकी फैमिली को छोड़ने की शर्त रखता है और पुलिस विजय की शर्त मानकर उसकी फैमिली को छोड़ देती है। विजय के जुर्म कबूल करने के पीछे एक सबसे बड़ी वजह होती है अब वो वजह क्या है यह आपको फिल्म मे देखना होगा। 


Drishyam 2 Review (दृष्यम 2 रिव्यू) 


बेशक फिल्म का प्लॉट काफी तगड़ा है जो आपको आखिर तक उलझाकर रखेगा। विजय की फैमिली पर एक के बाद एक आने वाली मुसीबते आपका ध्यान खीच लेंगी और पूरी फिल्म के दौरान आपके दिमाग मे एक ही सवाल आता है की आखिर अब विजय अपनी फैमिली को बचाने के लिए क्या करने वाला है। फिल्म के क्लैमेक्स मे आपको एक ऐसा ट्विस्ट देखने मिलेगा जिसके बारे आपने कभी सपने मे भी सोचा नही होगा। स्क्रीनप्ले, प्रेजेंटेशन, डायलॉग और बैकग्राउंड म्युज़िक गॉड लेवल का है जो एक रीमेक फिल्म को ओरिजिनल फिल्म से अलग बनाता है। कहानी मे सस्पेंस की कोई कमी नही है सस्पेंस नाम की चिड़िया आखिर तक आपको स्क्रीन से चिपका कर रखेगी। अजय देवगन एक लाजवाब एक्टर है जिनकी एक्टिंग का वजन उम्दा है उन्होंने विजय के किरदार को एक बार फिर पर्दे पर जीवंत कर दिया है। श्रेया शरण भी विजय की पत्नी के रूप मे खूब जमी एक डरी सेहमी माँ का किरदार उन पर खूब जमता है तब्बू और अक्षय खन्ना ने भी अपने अपने रोल मे बेहद जबरदस्त पेशकश दी है इन दोनों की जोड़ी पर्दे पर तबाही का माहौल बना देती है। कम शब्दो मे कहे तो यह एक बेहतरीन मनोरंजन मूवी है जिसे आपको नही छोड़ना चाहिए। 

Top Post Ad

Below Post Ad