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Blurr Movie Review in Hindi : सस्पेंस से भरी है तापसी पन्नू की यह फिल्म रोंगटे खड़े कर देगी कहानी।

Blurr Movie Review : थ्रिल और सस्पेंस से भरी है तापसी पन्नू की यह फिल्म रोंगटे खड़े कर देगी कहानी। 


Blurr Movie Review In Hindi


Blurr Movie : कुछ अभिनेता एक ही कैटेगरी मे बार बार अभिनय करके दर्शकों के बीच एक अलग छवि बना लेते है जिस कारण दर्शक भी अभिनेताओ को उसी प्रकार की कैटेगरी वाली फिल्मों और किरदारों मे देखना पसंद करने लगते है जैसे की रोमांस और कॉमेडी पर आधारित फिल्मों मे अभिनय करके कार्तिक आर्यन ने एक चॉकलेट बॉय की छवि बना ली है इसलिए वो अब रोमांस और कॉमेडी वाली फिल्मों मे ही अच्छे लगते है। इनके अलावा वरुण धवन भी इसी कैटेगरी के हीरो है। पिछले कुछ सालों से इन कलाकारों के नक्शे कदम पर चलते हुए तापसी पन्नू भी अब थ्रिलर कैटेगरी की स्पेशलिस्ट बन चुकी है। उन्होंने इस कैटेगरी मे एक के बाद एक कई फिल्में दी है जैसे 'गेम ओवर', 'हसीन दिलरुबा', 'बदला', 'लूप लपेटा' और 'दोबारा' आज इस कड़ी मे एक नई साइकोलॉजिकल थ्रिलर फिल्म 'ब्लरर्' (Blurr) का नाम जुड़ चुका है जी हाँ दोस्तों ब्लरर तापसी पन्नू के लीड रोल वाली एक थ्रिलर फिल्म है जिसका निर्देशन अजय बहल ने किया है फिल्म मे तापसी के अलावा गुलशन देवैया, भी लीड रोल मे दिखाई दे रहे है। 


Blurr Movie Story (ब्लरर् फिल्म की कहानी) 


फिल्म की कहानी को उत्तराखंड राज्य के नैनीताल मे सेट किया गया है जहाँ गायत्री और गौतमी नाम की दो जुड़वा बहने रहती है। इसी दौरान जब गायत्री पति नील के साथ अपनी बहन गौतमी के घर जाती है तो उसे आवाज देती है लेकिन अंदर से कोई उत्तर न आने पर सीधे घर के अंदर पहुँच जाती है। जहा कमरे मे वह गौतमी को फांसी के फंदे से लटका हुआ पाती है। नील पुलिस को फोन करता है और पुलिस स्पॉट पर पहुँचकर जाँच पड़ताल शुरू कर देती है पुलिस की प्रारंभिक जाँच मे पता चलता है की केस खुदखुशी का ही है लेकिन पुलिस की बातों पर गायत्री को बिल्कुल भरोसा नही होता और वो अपनी बहन की मौत की वजह तलाशने लगती है। इसी बीच गायत्री को आँखो से संबंधित समस्या होना शुरू हो जाती है जिसके सुझाव मे डॉक्टर आँखो का ओपरेशन करने की सलाह देता है। डॉक्टर का कहना है की अगर आँखो का ओपरेशन जल्दी नही किया गया तो उसकी रोशनी कभी भी जा सकती है। आँखो की समस्या से जूझने के बाबजूद गायत्री अलग अलग लोगों से जाकर मिलती है और उनसे पूछताछ करना शुरू करती है इसी बीच कोई उसका पीछा करने लगता है जिसकी परवाह किये बिना गायत्री आगे बढ़ती है और उसको चलता है की गौतमी का एक प्रेमी भी था जिसके साथ वो सात ताल नामक जगह पर एंजॉय करने जाती रहती थी। इसी दौरान गायत्री पर एक जानलेवा हमला भी होता है। अब इतनी सारी परेशानियों के बाबजूद गायत्री अपनी बहन की मौत के रहस्य से पर्दा कैसे उठा पायेगी । जानने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी। 


Blurr Movie Review (ब्लरर् मूवी रिव्यू)


कहानी मे कई पर्ते है जो एक के बाद एक आखिर तक खुलती रहती है। शुरुआत मे गौतमी की मौत के बाद दिमाग मे आता है की कही गायत्री का पति नील ही तो गौतमी का कातिल नही है लेकिन यहाँ भी आपको एक जबरदस्त ट्विस्ट देखने मिलेगा जो आपके होश उड़ा देगा। वैसे इस टाइप की कहानिया हमने पहले भी कई बार देखी है लेकिन इस कहानी को दिखाने का तरीका बिल्कुल अलग है और इस बातका पूरा क्रेडिट डायरेक्टर अजय बहल को जाता है। फिल्म का पथकथा लेखन काफी तगड़ा है जो इसे एक बेहद रोमांचक थ्रिलर फिल्म बनाता है। फिल्म के फर्स्ट हॉफ की बात करे तो शुरुआती 30 मिनट काफी बोरिंग है यहाँ पर कहानी को और कम दायरे मे समेटा जा सकता था। दूसरा हॉफ सस्पेंस से भरपूर है जो एक अलग लेवल का एक्सपेरिएंस देता है। कास्टिंग की बात करे तो तापसी पन्नू को देखकर लगता है की वो इसी तरह के किरदारों के लिए बनी है ऐसे किरदारों मे उनकी एक्टिंग दिमाग से नही दिल से निकलती है। गुलशन देवैया ने भी नील के रोल मे बेहद उम्दा पेशकश दी है उनका किरदार आखिर तक मन मे कई सवाल पैदा करता है। बैकग्राउंड स्कोर टॉप लेवल का है जो परिस्थितियों पर फिट बैठता है फिल्म के डायलॉग काफी मजबूत है जो सोचने पर मजबूर करते है। कम शब्दो मे कहे तो कहानी स्क्रीनप्ले, सिनेमेटोग्राफि से लेकर कास्टिंग तक सब कुछ अच्छा है बस पहला हॉफ इंपैक्ट छोड़ने मे सफल नही है। 


 





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