India Lockdown Movie Review : दिल दहला देगी इंडिया लॉकडाउन की सच्ची कहानी, जानिए कैसी है मधुर भंडारकर की यह फिल्म
India Lockdown Movie : 25 मार्च 2020 कैलेंडर की वो तारीख जिस दिन पहली बार देशभर मे लॉकडाउन लगा और उसके बाद जो हुआ उसके बारे तो आप सबको पता ही होगा विशेषरूप से गरीब जनता को लॉकडाउन के बाद जिन समस्याओं का सामना करना पड़ा था उसे सोचकर आज भी हमारी रूह काँप जाती है। तो दोस्तों ज़ी5 पर रिलीज़ हुई 'इंडिया लॉकडाउन' मूवी लॉकडाउन के बाद क्या क्या हुआ उसी हकीकत से रूबरू कराती है और इस हकीकत को देख आप सिहर जायेंगे। इस फिल्म मे आपको प्रतीक बब्बर, श्वेता प्रसाद, अहाना कुम्रा, साई तम्हांकर और प्रकाश बेलवाडी मुख्य किरदारों मे देखने मिलेंगे। जिनके बारे मे हम विस्तार से आगे चर्चा करेंगे।
India Lockdown Movie Story (इंडिया लॉकडाउन फिल्म की कहानी)
इंडिया लॉकडाउन मे चार कहानिया को दिखाया गया है। जिसमे से एक कहानी माइग्रेंट काम करने वाले एक कपल माधव और फूलमती की है जिनकी लॉकडाउन की वजह से नौकरी चली जाती है दूसरी कहानी कमाथीपुरा मे जिश्म फरोशी का धंधा करने वाली एक लड़की मेहरुनिसा की है जो पैसे की तंगी से बहुत बुरी हालत मे आ चुकी है। तीसरी कहानी एक पायलेट की है जो घर मे बैठे बैठे मुसीबत मे फस जाती है। और चौथी कहानी मजबूर पिता एम नागेश्वर राव की है जो लॉकडाउन की वजह से अपने परिवार से दूर किसी शहर मे फस जाते है वो समय उनकी बेटी के लिए सबसे मुश्किल समय था जब वो सही समय तक अपने परिवार तक नही पहुँच पाये थे।
India Lockdown Movie Review
फिल्म की कहानी लॉकडाउन के समय हुई कुछ सच्ची घटनाओ से प्रेरित है जिसमे जिंदगी की रियलिटी को पर्दे पर बड़ी खूबसूरती के साथ उतारा गया है। मधुर भंडारकर बेहद खूबसूरती के साथ चीजों को स्क्रीन पर उतारना जानते है उन्होंने लॉकडाउन के बाद लोगों के साथ जो भी हुआ अलग अलग तबके के लोगों को क्या क्या झेलना पड़ा सभी चीजों को उन्होंने बेहद उम्दा तरीके से प्रेजेंट किया है। हकीकत मे फिल्म की पथकथा दमदार है जो आपकी आँखो से आँशु निकालने मे कोई कसर नही छोड़ेगी बैकग्राउंड म्युज़िक,कास्टिंग और डायलॉग कमाल के है जो इसे एक अच्छे सिनेमा के रूप मे प्रस्तुत करते है। एक मिडिल क्लास कपल के रूप मे प्रतीक बब्बर और सई ने सराहनीय एक्टिंग की है। उनका हर एक सीन दिल को छू जाता है। श्वेता ने भी जिश्म फरोशी का धंधा करने वाली औरत के रूप मे एक अच्छा काम किया है। इनके अलावा प्रकाश भी एक मजबूर पिता के किरदार मे खूब जमे। फिल्म का सेकंड हॉफ अच्छा है लेकिन फर्स्ट हॉफ गड़बड़ है। कुल मिला कर कहे तो यह फिल्म काफी एंटरटेनिंग है जो आपको हकीकत से रूबरू करायेगी।