Lost Movie Review In Hindi : लापता क्लाइंट को ढूढने निकली यमी गौतम। जानिए कैसी है लॉस्ट
Lost Movie Review : यमी गौतम की सस्पेंस थ्रिलर फिल्म लॉस्ट जी5 पर रिलीज़ हो चुकी है। 'लॉस्ट' मे यमी एक झन्नाटेदार रिपोर्टर की भूमिका मे नजर आई है। पिछले कुछ सालों से देशभर मे लापता हो रहे लोगों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। देश मे हर रोज लगभग 885 लोग गायब होते है बच्चो के मामले मे ये आकड़े चौकाने वाले है। लॉस्ट भी कुछ इसी तरह के मुद्दे पर आधारित सच्ची कहानी है। जिसमे आपको यमी गौतम के अलावा पंकज कपूर, पिया बाजपेयी, राहुल खन्ना और तुषार पांडे अहम किरदारों मे देखने मिलेंगे। 'लॉस्ट' के निर्देशक अनिरुद्ध रॉय चौधरी है जिन्हे 2015 आई फिल्म 'पिकू' के लिए नेशनल फिल्म अवार्ड दिया गया था। अगर आपको सस्पेंस और थ्रिल से भरी फिल्में देखना पसंद है और आप लॉस्ट देखने का मन बना रहे है तो यह रिव्यू आपके लिए ही है जिससे आपको पता चलेगा की यह फिल्म देखना चाहिए या नही।
Lost Movie Story In Hindi (लॉस्ट फिल्म की कहानी)
लॉस्ट एक सच्ची घटना पर आधारित कहानी है जिसे वेस्ट बंगाल की राजधानी कोलकाता मे सेट किया गया है कहानी की असली शुरुआत इशान भारती नामक लड़के के गायब हो जाने के बाद होती है। आगे कहानी मे दिखाया जाता है की ईशान भारती के माता पिता उसकी गुमशूदगी की रिपोर्ट दर्ज कराने कोलकाता के एक पुलिस स्टेशन मे जाते है और रिपोर्ट दर्ज कराते है। लेकिन पुलिस उनके बेटे को ढूढने की बजाए उन्ही से सवाल जवाब करने लगती है। और उन्हे पूछताछ के नाम पर परेशान भी किया जाता है। पुलिस का मानना है की उनका बेटा गायब नही हुआ बल्कि भाग गया है क्योंकि वह एक आतंकवादी गिरोह के लिए काम करता था। इसके बाद कहानी मे विधि सहानी नाम की एक रिपोर्टर की एंट्री होती है जो इशान केस मे काफी दिलचस्प होती है और किसी भी हाल मे इशान को खोजना विधि का लक्ष्य बन जाता है। इसके लिए विधि पुलिस अफसर से भी बातचीत करती है। जब पुलिस उसकी मदद करने से पीछे हट जाती है और विधि अपने तरीके से केस की पड़ताल करती है अब विधि इस केस को सॉल्व कैसे करेगी यह आपको फिल्म मे देखना होगा।
Lost Movie Review In Hindi (कैसी है लॉस्ट)
किसी सच्ची घटना पर फिल्म बनाना बहुत मुश्किल टास्क होता है क्योंकि इस तरह की कहानियों मे बारीक से बारीक चीज पर ध्यान देना पड़ता है। लॉस्ट भी एक रियल स्टोरी है जिसमे एक एक चीज को बारीकी से कहानी मे पिरोया गया है। कहानी कई लूप हॉल है सस्पेंस और थ्रिल है इसके अलावा राजनीति वाला एंगल भी फिल्म को और अधिक इंट्रेस्टिंग बनाने मे सहायता करता है। फिल्म की पटकथा कसी हुई लगती है। लेकिन सेकंड हॉफ मे थोड़ी बहुत कहानी यहाँ वहा बिखर जाती है जिसके बाद दिमाग लगाने की जरूरत पड़ती है। फिल्म की सिनेमेटोग्राफी ठीक ठाक है अगर इस पर थोड़ा और काम किया जाता तो फिल्म देखने का मजा ही कुछ और होता। फिल्म के डायलॉग वजनदार है जो कहानी रंगीन बनाने की पूरी कोशिश करते है। फिल्म का फर्स्टहॉफ और सेकंड हॉफ दोनों की स्पीड नॉर्मल है पूरी फिल्म देखते वक्त आपको एक पल भी बोरियत भरा महसूस नही होगा। कास्टिंग की बात करे तो यमी गौतम ने विधि के किरदार मे शानदार अभिनय किया है उनके स्क्रीन पर आते ही सोने पे सुहागा वाली बात हो जाती है। अनूप कपूर भी अपने किरदार मे दमदार लगते है अन्य किरदारों की बात करे तो वो काम चलाउ है लेकिन ओवर एक्टिंग बिल्कुल नही की किसी ने। छोटी मोटी गलतियों को नजरअंदाज करे तो यह एक रोमांचक फिल्म है जिसे आपको मिस नही करना चाहिए।