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Mrs Chatterji Vs Norway Review In Hindi : एक भारतीय माँ के लिए बदलने पड़े नॉर्वे की सरकार को अपने कानून जानिए कैसी रानी मुखर्जी की फिल्म

Mrs Chatterji Vs Norway Review In Hindi : एक भारतीय माँ के लिए बदलने पड़े नॉर्वे की सरकार को अपने कानून जानिए कैसी रानी मुखर्जी की फिल्म

Mrs Chatterji Vs Norway Movie Review In Hindi


Mrs Chatterji Vs Norway :
एक माँ से अगर उसका बच्चा छीन लिया जाए तो उस पर क्या गुजरती है वो तो एक माँ ही जान सकती है माँ अगर शरीर है तो बच्चे उसकी आत्मा अगर बच्चे को कोई मुसीबत आती है तो सबसे ज्यादा तड़प उसके कलेजे मे उठती है एक ऐसी ही माँ की दुखभरी कहानी है Mrs Chatterji Vs Norway यह एक सच्ची घटना से प्रेरित ड्रामा फिल्म है जिसमे एक भारतीय माँ नोर्वे जैसे शख्त कानून वाले देश मे फोस्टर केयर द्वारा बंधक बनाये गए अपने दो बच्चो के लिए कानूनी लड़ाई लड़ती है। जैसा की मैंने पहले बताया की यह एक सच्ची घटना पर आधारित कहानी है इस माँ का रियल नाम सागरिका भट्टाचार्य है जिन्होंने अपने बच्चो के लिए लडी गई लड़ाई पर आत्मकथा लिखी है इनकी आत्मकथा का नाम 'द जर्नी ऑफ अ मदर' है और इसी आत्मकथा से प्रेरित है रानी मुखर्जी के लीड रोल वाली यह फिल्म। बता दे की फिल्म मे रानी मुखर्जी के अलावा जिम सर्भ, नीना गुप्ता और अनिर्बान भट्टाचार्य जैसे दमदार कलाकार भी अहम किरदारों मे है और फिल्म का निर्देशन आशिमा छिब्बर ने किया है। 

Mrs Chatterji Vs Norway Movie Story (फिल्म की कहानी क्या है) 


बंगाल की राजधानी कोलकाता के निकटवर्ती क्षेत्र मे रहने वाली देविका अपने पति के साथ पहली बार नॉर्वे की धरती पर कदम रखती है दोनों पति पत्नी नॉर्वे के कानूनों से अंजान है साल 2008 के अंत मे सागरिका एक बच्चे को जन्म देती है लेकिन बहुत जल्द उनको पता चल जाता है की उनका बच्चा समान्य नही है। क्योंकि बच्चे मे ओटिज्म के लक्षण दिखने लगते है इस बात से देविका टूट जाती है। और पति पत्नी मिलकर अपने बच्चे की देखभाल मे लग जाते है और फिर 2010 मे देविका एक बार फिर गर्ववती हो जाती है और एक बेटी को जन्म देती है। दोनों बच्चो की उम्र मे 2 साल का फर्क था इसलिए दोनों की एक साथ देखभाल करना उनके लिए बड़ा चैलेंज था। इसी बीच उनके बेटे की बीमारी गंभीर होती जा रही थी और उसके व्यवहार मे भी अजीबो गरीब परिवर्तन देखने मिलते थे ऐसे मे देविका अपने बेटे को गुस्से मे थप्पड़ भी लगा देती थी। जो की भारत मे नॉर्मल बात है। भारतीय परंपरा के अनुसार वो बच्चो को अपने हाथ से खाना खिलाती और उनके साथ एक ही बिस्तर मे सोती थी उसे क्या पता था की वह जिस देश की धरती पर है वहा इन सब चीजों की इजाजत नही है जब यह बात वहाँ की सरकार को पता चलती है तो कानून के अनुसार वह देविका के दोनों बच्चो को उठाकर ले जाते है और चाइल्ड वेलफेयर सर्विस टीम को सौप देती है और फिर एक माँ की अपने बच्चो के लिए नोर्वे की सरकार से कानूनन लड़ाई होती है। अब इस लड़ाई मे माँ की जीत होगी या हार यह आपको फिल्म मे देखना होगा। 

Mrs Chatterji Vs Norway Movie Review 
(मूवी रिव्यू) 

फिल्म मे एक माँ के संघर्ष की कहानी दिखाई गई जो की काफी दिलचस्प है फिल्म पठकथा और अभिनेताओ का अभिनय दोनों पक्ष बहुत ही मजबूत इन दोनों पक्षों मे कही कोई कमी नही दिखती। इसके अलावा फिल्म मे आपको एक माँ का अपने बच्चे के प्रति गहरा प्यार और ममता देखने मिलेगी। फिल्म आपको इमोशनली डिस्टर्ब कर सकती है क्योंकि फिल्म के ज्यादातर हिस्से मे इमोशन की बरसात होती है। थोड़ा बहुत कोर्टरूम ड्रामा भी है जो काफी इंट्रेस्टिंग लगता है परंतु फिल्म का फर्स्ट हॉफ बोरिंग है और यह सब चीज़े आपको फर्स्ट हॉफ के बाद देखने मिलेगी। अगर आप सब्र करके सेकंड हॉफ तक पहुँचे तो वहा से असली मनोरंजन शुरू होता है। फिल्म का सेकंड हॉफ काफी दमदार है। अभिनय की बात करे तो रानी मुखर्जी ने एक मजबूर और मजबूत माँ के रूप मे बेहद शानदार एक्टिंग की है। उनकी पर्सनालिटी पर देविका का केरेक्टर शूट करता है। इनके अलावा जिम सर्ब और नीना गुप्ता भी अपने किरदारों मे बहुत अच्छे लगते है उनकी एक्टिंग भी बुरी नही थी। फिल्म का म्युज़िक भी लाजवाब है।










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