Dhoomam Movie Review : कांतारा और केजीएफ जैसी बड़ी बड़ी सुपरहिट फिल्में बनाने वाले Hombale Films की तरफ से आज एक और मलयालम फिल्म रिलीज़ कर दी गई है जिसका टाइटल नेम 'धूमम्' रखा गया है। फिल्म मे आपको पुष्पा और जोजी जैसी फिल्मों के अंदर अपना दम दिखाने वाले एक्टर फ़हाद फासिल ने मुख्य किरदार मे काम किया है जबकि पवन कुमार इस फिल्म के निर्देशक है। फिल्म मे आपको अपर्णा बालमुरली भी देखने मिलेगी।
Dhoomam Movie Story In Hindi
कहानी अविनाश नाम के एक आदमी के इर्द गिर्द लिखी गई है जो तंबाकू कंपनी मे मार्केटिंग विभाग मे काम करता है। एक दिन जब अविनाश अपनी पत्नी दिया के साथ घर लौट रहा होता है तभी एक अंजान आदमी इन पर हमला कर देता है। जिसके बाद दोनों बेहोश हो जाते है और सुबह दोनों की नींद एक सुनसान जगह पर खुलती है। होश मे आते ही अभिनाश के पास पैसे मांगने वाले उस अंजान आदमी का फोन आता है। अब वह अंजान आदमी कौन है और पैसे क्यु मांग रहा है। और वह मजबूरी क्या है जिसकी वजह से अभिनाश इस आदमी की बात मानने पर मजबूर हो जायेगा इन सब सवालों के जवाब आपको फिल्म मे ढूढने होंगे।
Dhoomam Movie Review
निर्देशक पवन कुमार की फिल्म मे एक सीन है जिसमे अविनाश धूम्रपान विरोधी विज्ञापन बनाने का एक ऐसा आईडिया पेश करता है जिससे वे सब लोग जो सिनेमाघरों मे फिल्में देखने जाते है और शुरुआत मे आने वाली धूम्रपान विरोधी एड को इग्नोर करते है उन्हे आकर्षित करेगा। पवन कुमार की सोच भी इसी विचार से मिलती जुलती है। पवन ने फिल्म के जरिये समाज मे कुछ अलग करने की कोशिश की है। फिल्म मे दिखाई गई कुछ मार्केटिंग योजनाएं और जानकारियां रियल लगती है। लेकिन मेसेजिंग एंगल होने के कारण पहले से ही पता चल जाता है फिल्म मे आगे क्या होने वाला है और यही बात फिल्म को आंशिक रूप से नुकसान पहुंचाती है। फिल्म का सेकंड हाफ पहले हाफ से कई गुना अच्छा हैं क्लैमेक्स सीन मे आप सोचने पर मजबूर हो जायेंगे। सिनेमेटोग्राफी और बैकग्राउंड म्युज़िक भी ठीक है। फिल्म मे फ़हाद ने अविनाश के किरदार को जिया है जिस तरह से खुदको पेश करते है। बिल्कुल रियल लगता है।