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School Of Lies Web Series Review In Hindi : थ्रिल और सस्पेंस का डबल डोज है निम्रत कौर का यह शो।

School Of Lies Web Series Review In Hindi : थ्रिल और सस्पेंस का डबल डोज है निम्रत कौर का यह शो।

School Of Lies Web Series Review In Hindi


डिज्नी प्लस हॉटस्टार की ओरिजिनल वेबसीरीज School Of Lies रिलीज़ हो चुकी है। इस सस्पेंस थ्रिलर सीरीज मे बॉलीवुड एक्ट्रेस निम्रत कौर ने लीड रोल निभाया है। सच्ची घटना पर आधारित यह एक जानेमाने स्कूल से गायब हुए बच्चे की रोंगटे खड़े कर देने वाली कहानी है। सीरीज मे आपको निम्रत के अलावा सोनाली कुलकर्णी, आमिर बसिर और वरिन रूपानी जैसे और भी अन्य कलाकार देखने मिलेंगे। बता दे की शो के डायरेक्टर अविनाश अरुण है।


School Of Lies Web Series Story 


सीरीज की कहानी एक पहाड़ी इलाके मे बसे जानेमाने बोर्डिंग स्कूल मे सेट है। जहां से शक्ति नाम का एक 12 वर्षीय छात्र अचानक गायब हो जाता है। निम्रत कौर इस स्कूल की काउंसलर नंदिता मेहरा का किरदार निभा रही है जो शक्ति के अचनाक गायब होने से काफी चिंतित और परेशान है। इस किडनेपिंग की जड़ तक जाने के लिए नंदिता स्कूल मे पढ़ने वाले अन्य बच्चो से और उसके साथियों से पूँछताछ करती है लेकिन बच्चे जवाब मे उन्हे अलग अलग बातें बताते है जो इस केस को और पेचीदा बनाता है। यानी की सभी बच्चे सच जानते हुए भी अंजान बनकर इस घटना को छुपाने की कोशिश करते है। अब नंदिता इस केस को उजागर करके शक्ति को कैसे वापिस लायेगी। और इस मामले का असली आरोपी कौन है इन सवालो के जवाब आपको शो देखने पर मिल जायेंगे।


School Of Lies Web Series Review


समान्यतः स्कूल मे बच्चो को सच बोलना सिखाया जाता है लेकिन राइज नाम का यह स्कूल एक ऐसा स्कूल है जहां झूठ पर झूठ बोलकर केस को उलझा देते है। केस मे असली ट्विस्ट तब आता है जब स्कूल की अलमारी मे एक कंकाल मिलता है। यह एक ऐसा शो है जिससे बच्चे आसानी से कनेक्ट करके झूठ बोलने के अलावा बहुत कुछ सीख सकते है। 8 एपिसोड वाला यह शो दिलचस्प तो है लेकिन कही कही कमजोर कड़िया भी है जो इसे लचर बनाती है। शक्ति के गायब होने के बाद जो इंवेस्टिगेशन का माहौल तैयार होता है यहाँ से शो मे सस्पेंस और थ्रिल दोनों ही झलकने लगते है। सीरीज का निर्देशन कमाल का है निर्देशक केरेक्टर डेवलप करने मे बहुत कम समय लेते है। शो की स्पीड नॉर्मल है कही भी स्पीड मे बदलाव मेहसूस नही होता यही शो को खास बनाता है शुरू से आखिर तक कहानी को बड़े अच्छे तरीके से फिल्माया गया है यह शो आपको अंतिम एपिसोड तक बांधकर रखने मे कोई कसर नही छोड़ता। बैकग्राउंड म्युज़िक, कैमरा एंगल और शो का डिजाइन अच्छा है लेकिन सेट की लोकेशन कही कही बचकानी लगती है। कास्टिंग की बात करे तो निम्रत कौर ने नंदिता के किरदार मे उम्दा काम किया है वो कॉउंसलर के किरदार मे फिट लगती है। इनके अलावा अन्य किरदार जैसे सोनाली कुलकर्णी भी स्क्रीन पर ठीक ठाक लगती है।डिज्नी अपने यूनिक कंटेंट के लिए मार्केट मे जाना जाता है School Of Lies भी एक यूनिक शो है जिसे देखते हुए वक्त कैसे निकलता है इस बात का अंदाजा लगा पाना बहुत ही मुश्किल काम है।


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