Ajmer 1992 Movie : 'द कश्मीर फाइल्स' और 'द केरला स्टोरी' के बाद एक और दर्दनाक विषय पर बनी फिल्म 'अजमेर 92' आज सिनेमेघरों मे रिलीज़ हो चुकी है। यह क्राइम ड्रामा फिल्म अपनी कहानी की वजह से देशभर मे खूब चर्चा बटोर रही है। द केरला स्टोरी की तरह देश के कुछ हिस्सों मे लोग इसकी तारीफ कर रहे तो कही कड़ा विरोध किया जा रहा है। वैसे ट्रेलर रिलीज़ के बाद अजमेर 92 दर्शकों के बीच अच्छा खासा बज बनाने मे सफल रही। पुष्पेंद्र सिंह के निर्देशन वाली यह फिल्म 1992 मे अजमेर के अंदर होने वाले रेप केस जैसे संगीन अपराध की कहानी पर आधारित है। फिल्म मे आपको करण शर्मा, व्रीजेंद्र काला, सैयाजी शिंदे, जरीना बहाव और मनोज जोशी मुख्य किरदारों मे देखने मिलेंगे।
क्या है 'अजमेर 92' फिल्म की कहानी
फिल्म मे 1987 से लेकर 1992 तक का समय दिखाया गया है। उस वक्त अजमेर के कॉलेजों मे पढ़ने वाली लगभग 250 लड़कियों के साथ दुस्कर्म हुआ था। अजमेर के रसूखदार लोगों के द्वारा इस घटना को अंजाम दिया जाता है। ये लोग अपने फायदे के लिए इन सभी लड़कियों की न्यूड फोटो पूरे शहर मे बाटने के बाद ब्लैकमेल करके सभी लड़कियों के साथ एक के बाद एक दुष्कर्म करते है। घटना के बाद पूरे अजमेर मे डर का माहौल बन जाता है। कई लड़कियाँ हार मानकर खुदखुशी कर लेती है और पुलिस से लेकर राजनेता तक सभी इस मामले को दबाने की कोशिश करते है। जिसके बाद एक पत्रकार इन लड़कियों को न्याय दिलाने का फैसला करता है। लेकिन पत्रकार के लिए ऐसा करना बिल्कुल भी आसान नही होता।
अजमेर 92 मूवी रिव्यू
एक माता पिता जो एक पत्रकार के पास अपनी होने वाली बहू की फोटो लेकर यह पता करने आते है की कही उसके साथ भी तो दुष्कर्म नही हुआ। बात हैरान करने वाली है लेकिन उस समय अजमेर मे जो हुआ यह बात पता करना लाजमी हो जाता है। कुछ लड़कियों की फैमिली ने इस घटना पर चुप रहने का दवाब बनाया तो कुछ लड़कियों ने समाज के बारे मे सोचकर अपने प्राण ही त्याग दिये। फिल्म के अंदर यह चीजें रोंगटे खड़े कर देती है। यह बात आज भी बहुत खटकती है की आखिर समाज ऐसी लड़कियों को गुनेहगारों की तरह क्यु देखता है जिनके साथ जबरदस्ती दुष्कर्म किया जाता है। फिल्म मे बढ़िया तरीके से अजमेर स्कैंडल की इस घटना को उजागर किया गया है। फिल्म यह दावा करती है की 250 लड़कियों के साथ यह अत्याचार करने वाले कुछ रसूखदार लोग थे जिन्हे बचाने के लिए पुलिस और राजनेताओ ने कोई कसर नही छोड़ी थी। कास्टिंग की बात करे तो फिल्म में हर कलाकार अपनी छाप छोड़ता नजर आता है किरदारों को जिस तरह फिल्म के अंदर सेट किया गया है सब कुछ रियल लगने लगता है। पठकथा लेखन और केरेक्टर डेवलपमेंट शानदार है म्युज़िक भी ठीक ठाक लगता है।