Omg 2 Review : अक्षय कुमार और पंकज त्रिपाठी की मोस्ट अवेटेड फिल्म 'ओएमजी 2' आज सिनेमाघरों मे रिलीज़ हो चुकी है। फिल्म मे आपको इन दोनों के अलावा यमी गौतम भी एक स्पेशल रोल मे देखने मिलेगी। क्या बच्चो को सेक्स एजुकेशन देनी चाहिए, क्या हमारे देश मे सेक्स पर बात करना गंदी बात है, इसी मुद्दे को उठाती है अक्षय की यह फिल्म। बता दे की इस फिल्म मे अक्षय कुमार ने भगवान शिव के एक अंश का किरदार निभाया है जो अपने भक्त की सहायता के लिए धरती पर आते है। इस जबरदस्त फिल्म का निर्देशन अमित राय ने किया है।
क्या है फिल्म 'ओएमजी 2' की कहानी
फिल्म की कहानी एक शिव भक्त कांति शरण मुद्गल यानी की पंकज त्रिपाठी जिनके बेटे को स्कूल से निकाल दिया जाता है क्योंकि उसने स्कूल मे रहते हुए एक ऐसी हरकत की है जो स्कूल की नज़रों मे बहुत ही गलत है। बदनामी की वजह से कांति शरण का परिवार शहर छोड़ने का फैसला करता है, लेकिन शिव जी के दूत बने अक्षय कुमार उन्हे ऐसा करने से रोकते है और समाज से लड़ने का उपदेश देते है। इसके बाद कांति शरण स्कूल पर कोर्ट केस कर देते है कांति की मांग यह है की सभी स्कूलों मे सेक्स एजुकेशन दी जानी चाहिये और उसके बेटे को स्कूल मे फिर से दाखिल किया जाए। क्या कांति शरण की मांग पूरी होगी यह आपको फिल्म मे देखना होगा।
कैसी है एक्टिंग
फिल्म मे अक्षय कुमार ने शिव का दूत बनकर एक बार फिर सबका दिल जीत लिया। इस रोल मे अक्षय खूब जमते है, उनका लुक और अदाये भगवान के दूत पर भरोसा करने के लिए मजबूर कर देती है वह इस रोल मे अपनी छवि छोड़ने मे सफल रहे। हालांकि अक्षय स्क्रीन पर कम समय के लिए आते है लेकिन जब अब आते है तो छा जाते है यही उनके रोल की सबसे बड़ी खासियत है। पंकज त्रिपाठी ने भी कांति शरण के किरदार मे जान फूकने का काम किया है, उनकी परफॉर्मेंस इतनी परफेक्ट है की आप एक भी कमी नही ढूँढ पाएंगे। वकील के रोल मे यमी गौतम ने भी कमाल की पेशकश दी है इस किरदार मे वो अच्छी लगती है। पवन मल्होत्रा की एक्टिंग भी बेहतरीन है।
कैसी है फिल्म? क्या है कमी और खूबी
फिल्म का कांसेप्ट और कहानी शानदार है निर्देशक अमित राय ने इस फिल्म के जरिये कुछ नया करने की कोशिश की है। फिल्म की कहानी इतनी दमदार है की पहले ही सीन से आप कहानी से जुड़ जायेंगे। एक भी सीन ऐसा नही है जो आपको एंटरटेन करने मे कोई भी कसर छोड़ें, एंटरटेनमेंट के साथ फिल्म मे बहुत कुछ सीखने भी मिलेगा। कोर्ट रूम वाले सीन दिलचस्प और लाजवाब है जहां आप तालियां और सिटियाँ बजाने पर मजबूर हो जायेंगे। कुछ पंच लाइन ऐसी है जो हँसाने के अलावा समाज के बनाये गलत नियम कानूनों पर कटाक्ष करती है। फर्स्ट हॉफ से ज्यादा सेकंड हॉफ असरदार है जहाँ आपको बहुत ही अच्छा एक्सपीरियंस मिलेगा। आपको फिल्म देखते वक्त समझ आ जायेगा की यह फिल्म बच्चों को भी देखनी चाहिए।