The Jengaburu Curse Review : प्राकृतिक संसाधनों के लगातार दोहन ने दुनिया मे क्लैमेट चेंज जैसी बड़ी आपदा को जन्म दिया है। दुनिया भर में आने वाली सभी प्राकृतिक आपदाएँ इन संसाधनों के लगातार दोहन और दुरूपयोग का नतीजा है। कही बाढ़ तो कही भूकंप ऐसा लगता है की क्लैमेट चेंज से दुनिया जल्द ही बर्बाद होने वाली है। अगर प्रदूषण और संसाधनों के दोहन पर रोक नही लगाई गई तो दुनिया को नष्ट होने से कोई नही बचा सकता। हालांकि सरकारें प्राकृतिक संसाधनों के अवैध दोहन पर रोक लगाने के लिए अलग-अलग तरह के उपाय कर रही है। इसी क्रम मे पर्यावरण संरक्षण कि सख्त अवश्यकता के बारे मे जागरूकता बढ़ाने के लिए सिनेमा ने भी समय समय पर योगदान दिया है। हॉलीवुड मे इस विषय पर कई फिल्में और वेब सीरीज बन चुकी है, और अब इंडियन सिनेमा ने भी इस विषय पर काम करना शुरू कर दिया है। 'द जेंगाबुरु कर्स' भारत की पहली क्लाई-फाई सीरीज है जिसमे क्लैमेट चेंज को थ्रिलर कहानी के साथ पिरोया गया है।
'द जेंगाबुरु कर्स' वेबसीरीज की कहानी
कहानी ओडिशा की पृष्ठभूमि पर सेट है। लंदन स्थित सीए प्रिया दास को अचानक फोन आता है की उनके पिता प्रॉफेसर दास 4 दिनों से लापता है पुलिस को एक अज्ञात बॉडी मिलती है जिसकी शिरकत करने प्रिया को बुलाया जाता है लेकिन प्रिया मानने को तैयार नही होती की वह उनके पिता दास की बॉडी है। जैसे ही प्रिया अपने पिता की खोज में निकलती है अजीबोगरीब घटनाओ की एक श्रृंखला शुरू हो जाती है, जो बोंदिया जनजाति, बॉक्साइट खनन, अज्ञात मौतों और ओडिशा के जेंगाबुरु के बीच एक संबंध उजागर करती है। फिर क्या होता है यह तो आपको सोनी लिव पर जाकर देखना होगा क्योंकि इस तरह की थ्रिलर सीरीज मे आगे की कहानी बताना मजा किरकिरा कर सकता है।
क्या है इस सीरीज की खासियत
जेंगाबरु कर्स भारत की पहली क्लाई-फाई सीरीज है जिसमे बढिया तरीके से बताया गया है की लालच मे आकर मानव कैसे प्राकृतिक साधनों का शोषण करता है, जिसके परिणामस्वरूप उसे कई तरह के कष्ट भोगने पड़ते है। यह शो मानव जाति द्वारा प्राकृतिक साधनों की निरंतर खोज के दुष्परिणामों पर गहराई से प्रकाश डालता है। जेंगाबरु के जरिये मेकर नीला माधव पांडा ने दर्शकों के मनोरंजन का उद्देश्य पूरा करते हुए पर्यावरण संरक्षण की सख्त अवश्यकता के बारे मे जागरूकता लाने की सफल कोशिश की है। यह सीरीज एक नये जॉनर को एक्सप्लोर करती है जिसमे क्लैमेट चेंज को थ्रिलर कहानी के साथ बड़ी खुबसूरती से पिरोया गया है जो इसकी सबसे बड़ी खासियत है। सीरीज जिस तरह से कथानक पकड़ती है उसे देखकर आपको कहानी से जुड़ने मे एक भी पल का समय नही लगेगा। यह सिर्फ मिस्टर दास के मर्डर की कहानी नही है बल्कि उन सभी अज्ञात लोगों की कहानी है जिन्हे जेंगाबरु मे मौत के घाट उतारा जाता है। सस्पेंस के साथ हर एपिसोड एक अलग ही तरह का एक्सपीरियंस देता है।
कैसी रही एक्टिंग
वेबसीरीज मे फ़ारिया अब्दुल्ला और नासिर जैसी स्टार के साथ मकरंद देशपांडे जैसे दिग्गज एक्टर भी है जो अपनी एक्टिंग से आपका दिल जीत लेंगे। फ़ारिया अब्दुल्ला प्रिया दास के किरदार मे लाजवाब लगती है भले ही वह एक नई एक्ट्रेस है। उन्होंने अपने किरदार मे जान फूकने का काम किया है हर एक सीन मे फारिया जबरदस्त पेशकश देती है और मेकर्स ने उन्हे स्क्रीन पर अच्छा खासा समय भी दिया है, मकरंद देशपांडे भी अपने किरदार मे खूब जमे। हालांकि कुछ किरदार महत्वपूर्ण नही लगते उनका होना या न होना दोनों ही बराबर है।
क्यु देखें
फारिया अब्दुल्ला की एक्टिंग और एक नये जॉनर के कारण यह सीरीज आपको जरूर देखनी चाहिए।