Jaane Jaan Review : करीना कपूर खान की मर्डर मिस्ट्री थ्रिलर फिल्म 'जाने जान' आज रिलीज़ हो चुकी है। करीना कपूर ने बड़े पर्दे पर जलवा बिखेरने के बाद ओटीटी पर दस्तक दी है। जी हां 'जाने जान' करीना की ओटीटी डेव्यू फिल्म है जिसमे करीना के साथ विजय वर्मा और जयदीप अहलावत मुख्य किरदारों मे नजर आयेंगे। बता दे की फिल्म मे विजय वर्मा ने एक पुलिस अफसर का किरदार निभाया है वही दूसरी तरफ जयदीप अहलावत एक टीचर के किरदार मे नजर आते है। दोस्तों अगर आप सुजॉय घोष द्वारा निर्देशित इस फिल्म को नेटफ्लिक्स पर देखने का प्लान बना रहे है तो उससे पहले यह रिव्यू जरूर पढ़े।
जानिए कैसी है 'जाने जान' की कहानी
कहानी माया डीसूजा (करीना कपूर) के इर्द गिर्द लिखी गई है। माया एक तलाकशुदा माँ है जो अपनी बच्ची की परवरिश के लिए छोटा मोटा काम करके खुशमय जीवन जीती है। नारेन (जयदीप अहलावत) एक स्कूल टीचर जो माया के पड़ोस मे रहता है। जब एक शाम माया का भूतपूर्व पति अचानक उसके दरवाजे पर पहुँचता है तो उसका शांत जीवन तहस- नहस हो जाता है। (यही से एक मर्डर मिस्ट्री शुरू होती है जो आगे चलकर एक रोमांचक कहानी को जन्म देती है) माया के लापता पति को ढूढने के लिए मुंबई पुलिस ने एक चालाक अफसर करण आनंद (विजय वर्मा) को चुना है जो माया के घर पूँछताछ के लिए जाता है। इसके बाद पुलिस को एक बॉडी मिलती है जो माया के पति की है। पुलिस की जाँच मे माया इस कत्ल की एकमात्र सस्पेक्ट होती है और यही से पुलिस और माया के बीच चूहें-बिल्ली का खेल शुरू हो जाता है।
एक्टिंग
करीना कपूर ने माया के किरदार को कसके पकड़ा है उनकी एक्टिंग का लोहा आज भी उतना ही गरम है जितना पहले हुआ करता था। एक चालाक किरदार मे उनकी परफॉर्मेंस बेहद आकर्षक लगती है उन्होंने एक ऐसी औरत का किरदार निभाया है जो पुलिस को अपनी मासूमियत के जाल मे उलझाकर एक बड़ी घटना को छुपाने की कोशिश करती है। विजय ने पुलिस अफसर के रोल मे बेहद उम्दा काम किया है उनके डायलॉग्स आपको एक अलग एक्सपीरियंस देंगे उन्होंने अपनी एक्टिंग से इस कहानी मे जान डालने का काम किया है। स्क्रीन पर करीना और विजय की रोमांटिक केमिस्ट्री देखते बनती है। फिल्म मे जयदीप अहलावत का मिस्टिरियो अंदाज देखने मिलता है लुक देखते ही पता चल जाता है की यह बंदा कहानी मे अलग रंग बिखेरेगा।
'जाने जान' की खूबियां और कमियाँ
'जाने जान' एक इंट्रेस्टिंग कहानी है जो आपको आखिर तक बांधकर रखने का वादा करती है। एक सरल सी मर्डर मिस्ट्री मे थ्रिल और सस्पेंस का तड़का जिस तरह से लगाया गया है उसके लिए निर्देशक सुजॉय घोष की जितनी तारीफ करो सब कम है। इस काम में वो काफी माहिर लगते है सुजॉय ने फिल्म के कथानक पर पूरा जोर दिया है। म्युज़िक की बात करे तो म्युज़िक भी उम्दा है जो इस कहानी पर फिट बैठकर मनोरंजन को दुगना कर देता है। कास्टिंग लाजवाब है हर किरदार अपनी अपनी जगह पर सेट लगता है। जिसमे जयदीप का किरदार नरेन आपको खूब पसंद आने वाला है। वह अकेले ही शतरंज खेलता है और पहेलिया बुझाकर पुलिस को हिंट देने की कोशिश करता है। अगर आपको पहेलियों मे छुपे रहस्य खोजना पसंद है तो यह फिल्म आपको अंत तक आकर्षित करेगी।