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Kaala Paani Web Series Review In Hindi : रोंगटे खड़े कर देगा अंडमान निकोबार का खौफनाक मंजर।

Kaala Paani Review : भारत की पहली सरवाईवल थ्रिलर वेबसीरीज 'काला पानी' नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम की जा चुकी है। कुछ दिनों पहले 'काला पानी' का ट्रेलर रिलीज़ किया गया था जिसे देख दर्शक बेसब्री से इस सीरीज का इंतज़ार कर रहे थे और आज फाइनली वो दिन आ ही गया जब भारतीय दर्शक हिंदी भाषा मे बनी देश की पहली सरवाईवल थ्रिलर वेबसीरीज देखने के लिए तैयार है। अगर आप भी 'काला पानी' देखने का मूड बना रहे है तो उससे पहले हमारा यह रिव्यू जरूर पढ़े -

Kaala Paani Web Series Review In Hindi

कुछ ऐसी है 'काला पानी' की कहानी

सीरीज की कहानी बंगाल की खाडी के दक्षिण और हिंद महासागर मे स्थित अंडमान निकोबार द्वीप की राजधानी पोर्ट ब्लेयर मे सेट है। जहा बहुत बड़ा एक महोत्सव होने वाला है। स्वराज महोत्सव के लिए हजारों की संख्या मे लोग इस जगह पर आ रहे है। इस जगह पर एक बहुत बड़ी और भयानक आपदा आने वाली है जिसका अंदाजा सिर्फ डॉक्टर सौदामिनी सिंह को है। दरअसल शहर की 3 अलग अलग अस्पतालों मे 11 लोग भर्ती है जिन्हे बुखार के साथ सिर दर्द और गले मे काले धब्बे है। स्टडी मे डॉक्टर सौदामिनी को पता चलता है की 1989 मे इस जगह पर एक भयानक बीमारी का प्रकोप था जिसकी चपेट मे आने से लोगों के गले मे काले धब्बे बन जाते थे। हालांकि अस्पतालों मे स्थित मरीज धीरे धीरे ठीक हो जाते है लेकिन खतरा अभी भी टला नही है। डॉक्टर साहिबा को अंदेशा है की वह भयानक बीमारी एक बार फिर पोर्ट ब्लेयर मे फैलने वाली है। इस बात से परेशान सौदामिनी गवर्नर के सामने स्वराज महोत्सव रोकने की बात रखती है लेकिन किसी कारणवश उसकी बात काट दी जाती है इसी बीच डॉक्टर को पता चलता है की जेन्किंस लेक का पानी संक्रमित है जो इस बीमारी को फैला रहा है। चिंता की बात यह है की इसी लेक के पानी उपयोग पोर्ट ब्लेयर के वॉटर प्रोजेक्ट मे किया जा रहा है। अब डॉक्टर साहिबा के उपर लाखों लोगों की जान बचाने की जिम्मेदारी है। क्या पोर्ट ब्लेयर के लोग इस खतरनाक बीमारी से बच पाएंगे? सरकार इस बीमारी को रोकने के लिए क्या कदम उठायेगी? इन सवालों के जवाब आपको सीरीज मे ढूढने होंगे। 


कैसी है परफॉर्मेंस

टेलीविजन से लेकर बड़े पर्दे तक मोना सिंह अपने बेहतरीन प्रदर्शन के लिए जानी जाती है। उन्होंने डॉक्टर सौदामिनी सिंह का किरदार बढिया तरीके से निभाया है वह स्क्रीन पर एक ईमानदार डॉक्टर को जीवंत करने मे सफल रही है। इनके अलावा आशुतोष ग्वारीकर ने भी गवर्नर के रोल मे दमदार एक्टिंग की है, वे अपने किरदार मे बेहतर लगते है।इनके साथ साथ सूकान्त गोयल, आरुषि शर्मा और राधिका मल्होत्रा अपने किरदारों बेहतरीन लगती है।


कितनी बेहतर है 'काला पानी'

सीरीज की कहानी दमदार है जो आपको एक ऐसे आइलैंड पर ले जायेगी जहाँ लोग अपने जीवन को बचाने के लिए एक खतरनाक बीमारी से जंग करते है। लड़ाई सरवाईवल की इस लड़ाई में लोगों का जिंदा बच पाना मुश्किल है इस खौफनाक मंजर मे रोते बिलकते लोग देखकर आपके रोंगटे खड़े हो जायेंगे। हालांकि कहानी मे एक मेसेज भी छिपा है जो पर्यावरण संरक्षण की तरफ इशारा करता है। कुल मिलाकर यह नेटफ्लिक्स की बेहतरीन पेशकश है जिसे देखते वक्त आपको हॉलीवुड की सरवाईवल ड्रामा फिल्में याद आ जायेगी। कहानी मे जो थ्रिल और सस्पेंस का जोड़ है वह आपको सीट से उठने नही देगा। सीरीज को समीर सक्सेना और अमित गोलानी ने निर्देशित किया है और ये दोनो ही अपने एक्सपेरिमेंट मे सफल साबित हुए इनका डायरेक्शन उम्दा है। बैकग्राउंड की बात करे तो बैकग्राउंड म्युज़िक परिस्थितियों पर फिट बैठता है हालांकि एपिसोड की लंबाई बहुत ज्यादा है जो इसका माइनस पॉइंट भी है। अगर एपिसोड कम समय मे खत्म किये जाते तो और बेहतर होता। अगर आप थ्रिल और सस्पेंस के शौकीन है तो आपको यह सीरीज देख लेनी चाहिए। 





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