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Jigarthanda Double X Review : एक्शन का फुल डोज है राघव लॉरेंस और एसजे सूर्या की यह फिल्म, पूरा रिव्यू पढ़े -

Jigarthanda Double X Review : एक्शन का फुल डोज है राघव लॉरेंस और एसजे सूर्या की यह फिल्म, पूरा रिव्यू पढ़े -


Jigarthanda Double X Review In Hindi : राघव लॉरेंस और एसजे सूर्या की फिल्म 'जिगरठंडा डबल एक्स' आज यानी 10 नवंबर 2023 को सिनेमाघरों मे रिलीज़ हो चुकी है। यह 2014 मे रिलीज़ हुई गैंगस्टर ड्रामा 'जिगरठंडा' का सिक्वल है जिसे कार्तिक सुब्बाराज ने डायरेक्ट किया था। 'जिगरठंडा डबल एक्स' के निर्देशक भी कार्तिक सुब्बाराज ही है। कुछ दिनों पहले फिल्म का हिंदी ट्रेलर सामने आया था जिसने दर्शकों की उत्सुकता को बढ़ा दिया था और आज फाइनली वह दिन आ ही गया जब दर्शक इस फिल्म को थियेटर्स मे जाकर देख सकते है, अगर आप भी इसे थियेटर मे जाकर देखने का मूड बना रहे है तो जाने से पहले यह रिव्यू जरूर पढ़े -

Jigarthanda Double X Review In Hindi

'Jigarthanda Double X' Story In Hindi (जिगरठंडा डबल एक्स की कहानी) 

फिल्म की कहानी 1975 के दशक मे सेट है जहाँ पांड्यन नाम का एक गैंगस्टर पैन इंडिया फिल्म से अपनी पहचान दुनियाभर मे बनाना चाहता है। लेकिन उस समय की धारणा है की जो फिल्में पैन इंडिया मे चलती है उसमे काले रंग का हीरो होगा तो फिल्म देखने कोई नही आयेगा। पैन इंडिया फिल्मों मे गोरा चिट्ठा हीरो ही पब्लिक को सिनेमाघरों तक खीच सकता है, इस धारणा को ठोकर मारते हुए पांड्यन फिल्म के इतिहास का पहला काला हीरो बनने का फैसला लेता है। इसके लिए वह रे दासन नाम के एक तमिल फिल्म डायरेक्टर को फिल्म बनाने के लिए राजी करता है और फिल्म की शूटिंग शुरू हो जाती है लेकिन इस दौरान पांड्यन के सामने कुछ समस्याएं दुश्मनो के रूप मे आती है जो शूटिंग को बाधित करती है, पांड्यन समस्याओं से लड़ते हुए आगे बढ़ता है यही फिल्म का कथानक है। 


कैसी है 'जिगरठंडा डबल एक्स'

कहानी काफी इंट्रेस्टिंग हो जाती है जब इस तरह का प्लॉट बड़े पर्दे पर सरलता से फिल्माया जाता है। फिल्म मे एक गैंगस्टर है जो पैन इंडिया इतिहास का पहला काले रंग का हीरो बनने जा रहा है दूसरी तरफ तमिल फिल्म इंडस्ट्री का निर्देशक है जो एक तीर से दो निशाने लगाना चाहता है। दरअसल रे दासन अपनी पहली फिल्म को कामयाब बनाने के साथ साथ पांड्यन को सही रास्ते पार लाना चाहता है। फिल्म मे राघव लॉरेंस ने गैंगस्टर के रोल मे बेहद उम्दा काम काम किया है उनका डिफ्रेंट लुक और एक्टिंग पांड्यन के किरदार को जस्टिफाई करती है। राघव लॉरेंस की डायलॉग डिलेवरी और स्टाइल पांड्यन को पर्दे पर जीवंत कर देते है। वही एसजे सूर्या ने फिल्म निर्देशक रे दासन के रोल को पकड़ने मे कोई कसर नही छोड़ी उनकी सोच और मेहनत दोनों पर्दे पर दिखाई देती है। तारीफ कार्तिक सुब्बाराज की भी होनी चाहिए जिन्होंने इतनी बेहतरीन कास्ट को एक साथ लाने का काम किया। फिल्म का फर्स्ट हाफ थोड़ा धीमा है लेकिन सेकंड हॉफ मे कहानी जो लय पकड़ती है क्लाइमेक्स तक आपको बांधे रखेगी। कुछ डायलॉग काफी कमजोर है लेकिन इससे कोई फर्क नही पड़ता। कुलमिलाकर यह एक अच्छी हाई ओक्टेन एक्शन एंटरटेनर फिल्म है जिसे आप देख सकते है। 

 



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