The Railway Men Review In Hindi : रोंगटे खड़े कर देगी भोपाल गैस त्रासदी के गुमनाम हिरोज की कहानी, जान पर खेलकर बचाई थी दूसरों की जान
'The Railway Men' Review : भोपाल गैस त्रासदी वो हादसा है जिसे देश आज तक नही भूल पाया, यह दुनिया की सबसे बड़ी इंडस्ट्रीयल त्रासदी मे से एक है जिसने रातभर मे भोपाल शहर को शमशान मे तब्दील कर दिया था। इसी भोपाल त्रासदी पर बनी वेबसीरीज 'द रेल्वे मेन' आज नेटफ्लिक्स पर रिलीज़ हो चुकी है। यह एक थ्रिलर वेबसीरीज है जिसमे उन हिरोज की अनसुनी कहानी बताई गई है जिन्होंने अपनी जान दाव पर लगाकर भोपाल के लोगों की जान बचाई थी। सीरीज मे आपको केके मेनन, आर माध्वन, बाबिल खान और दिव्येंदु भट्टाचार्य लीड रोल मे देखने मिलेंगे। 4 एपिसोड मे बनी इस सीरीज का निर्देशन शिव रवेल ने किया है। अगर आप 'The Railway Men' देखने की सोच रहे है तो उससे पहले यह रिव्यू जरूर पढ़े -
'The Railway Men' Story In Hindi (द रेल्वे मेन की कहानी)
2 दिसंबर 1984 भोपाल मे एक ऐसी घटना हुई जिसने पूरे देश को रोने पर मजबूर कर दिया था। इस रोंगटे खड़े कर देने वाली घटना मे हजारों मारे गए और जितने बचे उन्हे अंधेपन, विकलांगता जैसी अनेक बीमारियों से जूझना पड़ा। आज भी उस घटना को याद करते ही 39 साल पुराना वह जख्म ताजा हो जाता है। वैसे तो इस त्रासदी के पीछे कई कहानिया है जिन्हे अलग अलग तरीके से बताया गया है। लेकिन 'द रेल्वे मेन' की कहानी उन गुमनाम फरिस्तों का वर्णन करती है जिन्होंने अपनी जान पर खेलकर भोपाल के लोगों को बचाया था। दोस्तों कहानी उन चार रेल कर्मियों की है जिन्होंने गैस लीकेज के दौरान भोपाल स्टेशन पर फसे हजारों लोगों को अपनी सूझबूझ और साहस से बचाया था। रेल्वे स्टेशन पर डर का माहौल बन चुका था ऐसे मे यह चार रेल कर्मचारी अपनी जान की परवाह किये बिना लोगों की जान बचाने मे जुट जाते है। कभी यह स्टेशन पर फसे लोगों को ट्रेन से दूसरे स्थान पर भेजते है तो कभी किसी अन्य ट्रेन को भोपाल स्टेशन तक आने से रोकते है। लेकिन जितना यह सुनने मे आसान है उतना ही कठिन था, जहा लोग साँस लेने के लिए तड़प रहे वही यह लोग अपनी जान खतरे मे डालकर दूसरे की जान बचा रहे है वाकई यह दिलेरी वाला काम था। अगर आप इन लोगों के सराहनीय काम को अपनी आँखो से देखना चाहते है तो नेटफ्लिक्स पर जाकर देख सकते है।
The Railway Men Review In Hindi (द रेल्वे मेन रिव्यू इन हिंदी)
यह एक रोंगटे खड़े कर देने वाली कहानी है जो आपको रोने पर मजबूर कर सकती है। सीरीज मे दिखाया गया है की कैसे 2 दिसंबर की वह रात भोपाल के लोगों के जीवन मे हमेशा के लिए अंधेरा कर देती है। इस त्रासदी मे फसे लोगों का दुख दर्द देख कर आप रो पड़ेंगे। लेकिन उम्मीद की किरण तब जागती है जब कहानी मे इन चार रेल कर्मचारियों की एंट्री होती है। जो अपनी बहादुरी और साहस के चलते लोगों की जान बचाते है। परंतु ऐसा करना उनके लिए बिल्कुल भी आसान नही होता क्योंकि उनके सामने भी कई समस्याएं है, जिनसे लड़कर उन्हे लोगों की जान बचाना है। कहानी शुरू से लेकर आखिर तक थ्रिल पैदा करती है आप इस सीरीज से जुड़ने मे बिल्कुल भी देर नही करेंगे। कहानी के बाद सीरीज की सबसे बड़ी खासियत इसकी सिनेमेटोग्राफी है क्योंकि पहले हर एक चीज को बारीकी से समझा गया है और फिर स्क्रीन पर उतारा गया है। बैकग्राउंड म्युज़िक शानदार है जो इस कहानी के भीषण दृश्यों मे जान फूकने का काम करता है। किरदारों की बात करे तो आर माधवन ने सेंट्रल रेल्वे के जीएम का किरदार निभाया है और इस किरदार मे वह परफेक्ट लगते है उनकी एक्टिंग मे वजन है जो स्क्रीन पर नजर आता है। दूसरी तरफ केके मेनन है जिन्होंने भोपाल के स्टेशन मास्टर की भूमिका निभाई है, इनका किरदार भी आपको काफी पसंद आने वाला है। बाबिल खान ने एक ऐसे लोको पायलट की भूमिका मे काम किया है जिसे नौकरी के पहले ही दिन इस घटना का सामना करना पड़ता है। बाबिल ने लोको पायलट का किरदार खुबसूरती से निभाया है। इन सब के अलावा दिव्येंदु भट्टाचार्य का रोल काफी इंट्रेस्टिंग है। यह एक अच्छी दमदार थ्रिल से भी वेबसीरीज है जिसे आपको बिन्जे वॉच जरूर करना चाहिए।